GST क्या हैं ? उसकी पूरी जानकारी
GST क्या है (What is GST in Hindi) और ये कैसे काम करता है ( How it work ) इसके बारे में भारत के कुछ लोगो में अभी भी बहुत confusion बनी हुई है इस post में हम आपको अपनी भाषा में GST के बारे में हिंदी में [GST In Hindi ] जानकारी देंगे | और यकीनन आपको GST के बारे में बहुत कुछ समझ आ जायेगा| जी एस टी हमारे देश में 1 जुलाई से लागु होगया है, देश की अर्थव्यवस्ता में ये कैसे काम करेगा और इससे हमें क्या फायदा और क्या नुस्कान होने वाला है इसके बारे में यहाँ विस्तार से चर्चा करेंगे |
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने एक बार कहा था की –
“ जिन्दगी में केवल दो ही चीजे तय है मौत और कर .”
जी एस टी एक टैक्स का नाम है GST की फुल फॉर्म Goods and Services Tax होती है हिंदी में इसे वस्तु एवं सेवा कर कहते है | ये एक Indirect Tax का रूप है GST को भारतबर्ष में 1 जुलाई 2017 से लागु है | GST बिल को लोक सभा और राज्य सभा में पास करवा कर मोदी सरकार ने भारत की अलग अर्थव्यवस्था तय कर कर कर दिया है।
ये संविधान में 122वां संशोधन है। इसे भारत में Tax सुधारों को लेकर आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन माना जा रहा है।
आपको बता दें कि दुनिया के करीब 165 देशों में GST की व्यवस्था लागू है, यानी इन देशों में भारत की तरह वस्तुओं और सेवाओं पर अलग अलग तरह के Tax नहीं देने पड़ते।
ऐसा माना जा रहा है कि GST लागु होने से भारत की अर्थव्यवस्था में 4.5% का फायदा होगा।
Goods यानि वो चीजें जिनका या तो हम प्रयोग कर सकते हैं या जिनका उपभोग कर सकते हैं…खा-पी सकते हैं. ये tangible (जिसे छु सकते है ) चीजें हैं जिन्हें हम छू सकते हैं… देख सकते हैं और इन्हें own कर सकते हैं। जैसे कि –
किताबें CDs खाने-पीने की चीजेंफर्नीचर Real Estate, Printers, computers and computer hardware, गाड़ियाँ, कपड़े आदि
Services यानि हम किसी तरह की सेवा लेते हैं और उसके बदले में पैसे देते हैं। यह intangible in nature होती है, जैसे कि –
जब हम पार्लर में हेयर कट कराते हैं तो बिल में सर्विस टैक्स जुड़ा होता है. होटल में खाना खाने पर भी हम सर्विस टैक्स अदा करते हैं. किसी CA की सर्विस लेने पर या आर्किटेक्ट से घर बनवाने पर भी हम सर्विस टैक्स देते हैं. डॉक्टर से रोग का इलाज करवाने पर सर्विस टैक्स देते है.
यहाँ होता क्या है कि जो सर्विस प्रोवाइडर है वो अपनी सर्विसेस के लिए हमसे पैसे लेता है उसी में से सरकार के खाते में सर्विस टैक्स जमा करता है. ( एक बात जान लीजिए की सरकार के खाते में जितना भी राशि जमा होती है उसका सबसे बड़ा हिस्सा सर्विस टैक्स से ही होता है)
सबसे पहेले ये जान लीजिये की भारत में पहले बहुत तरह के अलग अलग टैक्स लगते थे हर टैक्स का एक अलग अलग नाम हुआ करता था अब उसकी जगह पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा जिसको GST कहेंगे| सेवाओ और वस्तुओ पर अलग टैक्स न लग कर GST लगेगा
वों अलग अलग टैक्स कोनसे होते थे उनकी Detail आप नीचे देखिये-
Central Excise Duty ( केंद्रीय उत्पाद शुल्क ), Commercial Tax ( वाणिज्यिक कर ), Value Added Tax (VAT) ( मूल्य वर्धित कर ), Food Tax ( खाद्य कर ), Central Sales Tax (CST) ( केंद्रीय बिक्री कर ), Octroi ( चुंगी ), Entertainment Tax ( मनोरंजन कर ), Entry Tax ( प्रवेश कर ), Purchase Tax ( खरीद कर ), Luxury Tax ( लक्जरी टैक्स ), Advertisement tax ( विज्ञापन कर )
इन सभी टैक्स के नाम आपको 1 जुलाई से पहेले ही सुनने को मिलेंगे | उसके बाद ये सब टैक्स GST के अंदर आ जायेंगे|
GST में अभी तक 1211 वस्तु की दर निर्धारित कर ली है
उदाहरण के लिए : कोई मोबाइल राजस्थान में महंगा मिलता है और वही मोबाइल किसी दुसरे राज्य में सस्ता मिलता है तो अब ऐसा नही होगा
अब सभी राज्य में एक ही मूल्य से सामान मिला करेगा
चलिये हम आपको एक सरल उदाहरण से समझाते है कि GST से पहले और GST लागु होने के बाद हमे किस तरह प्रभावित करेगा -
GST से पहले क्या होता था-
माना एक कार का दाम 100 रूपये है
केंद्रीय उत्पाद शुल्क - 12.5%
सेसे- 1%
प्रवेश कर- 4.5%
वैट- 13.5%
भाड़ा- 5%
वीमा- 2%
कुल मिलाकर दाम हुआ 137.5 (100+37.5) रूपये
अब GST के बाद क्या होगा-
कार का दाम 100 रुपया
भाड़ा- 5%
बीमा - 2%
GST- 28%
कुल मिला कर दाम हुआ 135 (100+35) रूपये
यानि GST लागु होने से हमें 3.5% (137.5-135) का लाभ हो रहा है।
जैसा की बताया अलग अलग टैक्स की जगह पर अब एक ही GST लगेगा पर यहाँ पर आपको पुरे देश में एक ही निर्धारित प्रतिशत पर पुरे देश में टैक्स देना होगा
भारत में 28 राज्य (जम्मू कश्मीर को छोड़ कर) है जिसमे अलग अलग सामान और सेवाओ का अलग अलग कर ( Tax ) लगता था| पर GST बिल आने से पुरे देश में एक ही निर्धारित मात्रा कर लगा करेगा|
पुरे भारत में अलग अलग वस्तुओ और सेवाओ पर निर्धारित प्रतिशत से कर ( Tax ) लगेगा |
GST में तीन तरह के टैक्स शामिल होंगे जिनमें पहला होगा CGST यानी central goods And Services tax, जिसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
दूसरा Tax होगा SGST यानी State goods And Services tax जिसे राज्य सरकारें वसूलेंगी।
तीसरा होगा IGST यानी Integrated goods And Services tax जो दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर लगेगा और इसे दोनों राज्यों को बराबर अनुपात में बांटा जाएगा।
मूल तौर पर सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर-
0%, 5%, 12%, 18% एवं28%
की दर से जीएसटी लगायी जाएगी। विशेष रूप से वैभव की वस्तुओं (luxury items) पर 28% की दर apply होगी।
आइये जानते है किन किन वस्तुओ पर कितना कितना GST दर लगेगा-
0% GST Rates Items – गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, मूड़ी (मुरमुरे), खोई, ब्रेड, गुड़, दूध, दही, लस्सी, खुला पनीर, अंडे, मीट-मछली, शहद, ताजी फल-सब्जियां, प्रसाद, नमक, सेंधा/काला नमक, कुमकुम, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, पान के पत्ते, गर्भनिरोधक, स्टांप पेपर, कोर्ट के कागजात, डाक विभाग के पोस्टकार्ड/लिफाफे, किताबें, स्लेट-पेंसिल, चॉक, समाचार पत्र-पत्रिकाएं, मैप, एटलस, ग्लोब, हैंडलूम, मिट्टी के बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार, बीज, बिना ब्रांड के ऑर्गेनिक खाद, सभी तरह के गर्भनिरोधक, ब्लड, सुनने की मशीन।
5% GST Rates Items – ब्रांडेड अनाज, ब्रांडेड आटा, ब्रांडेड शहद, चीनी, चाय, कॉफी, मिठाइयां, खाद्य तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, बच्चों के मिल्क फूड, रस्क, पिज्जा ब्रेड, टोस्ट ब्रेड, पेस्ट्री मिक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन फल-सब्जियां, पैकिंग वाला पनीर, ड्राई फिश, न्यूजप्रिंट, ब्रोशर, लीफलेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस, झाडू, क्रीम, मसाले, जूस, साबूदाना, जड़ी-बूटी, लौंग, दालचीनी, जायफल, जीवन रक्षक दवाएं, स्टेंट, ब्लड वैक्सीन, हेपेटाइटिस डायग्नोसिस किट, ड्रग फॉर्मूलेशन, क्रच, व्हीलचेयर, ट्रायसाइकिल, लाइफबोट, हैंडपंप और उसके पार्ट्स, सोलर वाटर हीटर, रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस, ईंट, मिट्टी के टाइल्स, साइकिल-रिक्शा के टायर, कोयला, लिग्नाइट, कोक, कोल गैस, सभी ओर (अयस्क) और कंसेंट्रेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस।
12% GST Rates Items –नमकीन, भुजिया, बटर ऑयल, घी, मोबाइल फोन, ड्राई फ्रूट, फ्रूट और वेजिटेबल जूस, सोया मिल्क जूस और दूध युक्त ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन मीट-मछली, अगरबत्ती, कैंडल, आयुर्वेदिक-यूनानी-सिद्धा-होम्यो दवाएं, गॉज, बैंडेज, प्लास्टर, ऑर्थोपेडिक उपकरण, टूथ पाउडर, सिलाई मशीन और इसकी सुई, बायो गैस, एक्सरसाइज बुक, क्राफ्ट पेपर, पेपर बॉक्स, बच्चों की ड्रॉइंग और कलर बुक, प्रिंटेड कार्ड, चश्मे का लेंस, पेंसिल शार्पनर, छुरी, कॉयर मैट्रेस, एलईडी लाइट, किचन और टॉयलेट के सेरेमिक आइटम, स्टील, तांबे और एल्यूमीनियम के बर्तन, इलेक्ट्रिक वाहन, साइकिल और पार्ट्स, खेल के सामान, खिलौने वाली साइकिल, कार और स्कूटर, आर्ट वर्क, मार्बल/ग्रेनाइट ब्लॉक, छाता, वाकिंग स्टिक, फ्लाईएश की ईंटें, कंघी, पेंसिल, क्रेयॉन।
18% GST Rates Items – हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉर्न फ्लेक्स, पेस्ट्री, केक, जैम-जेली, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड, शुगर कन्फेक्शनरी, फूड मिक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स कंसेंट्रेट, डायबेटिक फूड, निकोटिन गम, मिनरल वॉटर, हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉयर मैट्रेस, कॉटन पिलो, रजिस्टर, अकाउंट बुक, नोटबुक, इरेजर, फाउंटेन पेन, नैपकिन, टिश्यू पेपर, टॉयलेट पेपर, कैमरा, स्पीकर, प्लास्टिक प्रोडक्ट, हेलमेट, कैन, पाइप, शीट, कीटनाशक, रिफ्रैक्टरी सीमेंट, बायोडीजल, प्लास्टिक के ट्यूब, पाइप और घरेलू सामान, सेरेमिक-पोर्सिलेन-चाइना से बनी घरेलू चीजें, कांच की बोतल-जार-बर्तन, स्टील के ट-बार-एंगल-ट्यूब-पाइप-नट-बोल्ट, एलपीजी स्टोव, इलेक्ट्रिक मोटर और जेनरेटर, ऑप्टिकल फाइबर, चश्मे का फ्रेम, गॉगल्स, विकलांगों की कार।
28% GST Rates Items – कस्टर्ड पाउडर, इंस्टैंट कॉफी, चॉकलेट, परफ्यूम, शैंपू, ब्यूटी या मेकअप के सामान, डियोड्रेंट, हेयर डाइ/क्रीम, पाउडर, स्किन केयर प्रोडक्ट, सनस्क्रीन लोशन, मैनिक्योर/पैडीक्योर प्रोडक्ट, शेविंग क्रीम, रेजर, आफ्टरशेव, लिक्विड सोप, डिटरजेंट, एल्युमीनियम फ्वायल, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, डिश वाशर, इलेक्ट्रिक हीटर, इलेक्ट्रिक हॉट प्लेट, प्रिंटर, फोटो कॉपी और फैक्स मशीन, लेदर प्रोडक्ट, विग, घड़ियां, वीडियो गेम कंसोल, सीमेंट, पेंट-वार्निश, पुट्टी, प्लाई बोर्ड, मार्बल/ग्रेनाइट (ब्लॉक नहीं), प्लास्टर, माइका, स्टील पाइप, टाइल्स और सेरामिक्स प्रोडक्ट, प्लास्टिक की फ्लोर कवरिंग और बाथ फिटिंग्स, कार-बस-ट्रक के ट्यूब-टायर, लैंप, लाइट फिटिंग्स, एल्युमिनियम के डोर-विंडो फ्रेम, इनसुलेटेड वायर-केबल।
कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जो जीएसटी के कर्यक्षेत्र से बाहर रखी गयी हैं। ऐसी वस्तुओं में मुख्य तौर पर –
शराब, पेट्रोलियम सामग्री जैसे- कच्चा तेल (crude oil), पेट्रोल, डीज़ल, विमानन टरबाइन ईंधन (aviation turbine fuel) एवं प्राकृतिक गैस आदि सम्मिलित है।
How will individual be affected
GST लागू होने के बाद घर और कार खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा। छोटी कारों और Compact SUVs पर अभी 30 से 44 प्रतिशत तक टैक्स लगता है लेकिन सिर्फ 18 प्रतिशत GST लगने की वजह से ये कारें 45 हज़ार रुपये तक सस्ती हो सकती हैं।लेकिन हाइब्रिड गाड़ियां जैसी मारुति की सियाज और आर्टिगा और होंडा की एकॉर्ड और टोयोटा की कैमरी जैसी गाड़ियां महंगी होंगी।
अभी घर खरीदने पर आपको सर्विस टैक्स और Vat दोनों चुकाने पड़ते हैं लेकिन GST लागू होने पर आपको सिर्फ एक तरह का टैक्स देना होगा।
रेस्टोरेंट में खाने के बिल पर होगा असर, घटेगा टैक्स-
बिना एसी वाले रेस्त्रां में अभी सर्विस टैक्स नहीं लगता लेकिन 12.5 फीसदी वैट लगता है। अब 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। यानी इनमें टैक्स की दर 0.5 फीसदी कम होगी। एसी वाले रेस्त्रां औऱ शराब परोसने वाले रेस्त्रां (एसी और बगैर ऐसी वाले) में अभी साढ़े 12 फीसदी की दर से वैट औऱ छह फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगता है, यानी कुल 18.5 फीसदी। अब इन जगहों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। यानी इनमें टैक्स की दर 0.5 फीसदी कम होगी। सितारा होटलों या लग्जरी रिजॉर्ट में बने रेस्त्रां में भी 18 फीसदी की दर से ही जीएसटी लगेगा।
फिल्म देखना सस्ता-
जीएसटी में कम टिकट वाली फिल्में देखना सस्ता होगा।100 रुपए कम कीमत वाले फिल्म के टिकटों पर जीएसटी में 18 फीसदी टैक्स लगेगा। अभी तक 28 फीसदी लगता था।
फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन सस्ती-
एसी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज को 28 फीसदी टैक्स दायरे में रखा गया है। अभी इन पर अभी 30-31 फीसदी टैक्स लगता है। एसी और फ्रिज की कीमत कुछ कम होगी।
GST से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न--
* GST को प्रथम बार 2006 में संसद में प्रस्तुत किया गया था।
* GST बिल राज्यसभा में 3 अगस्त 2016 को तथा लोकसभा में 8 अगस्त 2016 को पारित किया गया।
* भारत में GST लागु करने का सुझाव बिजय केलकर समिति ने दिया।
* सर्वप्रथम GST बिल का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष असीम दास गुप्ता थे।
* GST परिषद में सम्मिलित कुल सदस्यो की संख्या 33 है।
* GST बिल पर राष्ट्पति ने अपनी मंजूरी 8 अगस्त 2016 को दी।
* GST बिल सर्वप्रथम पारित करने वाला राज्य असम है।
* भारत का एकमात्र राज्य जहाँ GST लागु नहीं होगा - जम्मू कश्मीर ।
* GST लागु करने वाला विश्व का पहला देश फ्रांस है।
* राज्यो को GST से होने वाले नुकसान का 5 वर्षो तक केंद्र 100% भरपाई करेगी ।
* 20 लाख वार्षिक टर्नओवर की सीमा जिसके ऊपर कारोबारियो को GST का पंजीकरण तथा भुगतान करना होगा ।
'दोस्तों हम उम्मीद करते है कि GST आपको समझ में आ गया होगा । ये पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताएं'
दोस्तों मै उम्मीद करता हु GST kya hai . INDIA में GST किस तरह से कम करता है इसके बारे में आपको समझ आगया होगा .
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने एक बार कहा था की –
“ जिन्दगी में केवल दो ही चीजे तय है मौत और कर .”
GST क्या है | What is GST in Hindi
जी एस टी एक टैक्स का नाम है GST की फुल फॉर्म Goods and Services Tax होती है हिंदी में इसे वस्तु एवं सेवा कर कहते है | ये एक Indirect Tax का रूप है GST को भारतबर्ष में 1 जुलाई 2017 से लागु है | GST बिल को लोक सभा और राज्य सभा में पास करवा कर मोदी सरकार ने भारत की अलग अर्थव्यवस्था तय कर कर कर दिया है।
ये संविधान में 122वां संशोधन है। इसे भारत में Tax सुधारों को लेकर आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन माना जा रहा है।
आपको बता दें कि दुनिया के करीब 165 देशों में GST की व्यवस्था लागू है, यानी इन देशों में भारत की तरह वस्तुओं और सेवाओं पर अलग अलग तरह के Tax नहीं देने पड़ते।
ऐसा माना जा रहा है कि GST लागु होने से भारत की अर्थव्यवस्था में 4.5% का फायदा होगा।
Goods and Services का क्या मतलब है?
Goods यानि वो चीजें जिनका या तो हम प्रयोग कर सकते हैं या जिनका उपभोग कर सकते हैं…खा-पी सकते हैं. ये tangible (जिसे छु सकते है ) चीजें हैं जिन्हें हम छू सकते हैं… देख सकते हैं और इन्हें own कर सकते हैं। जैसे कि –
किताबें CDs खाने-पीने की चीजेंफर्नीचर Real Estate, Printers, computers and computer hardware, गाड़ियाँ, कपड़े आदि
Services यानि हम किसी तरह की सेवा लेते हैं और उसके बदले में पैसे देते हैं। यह intangible in nature होती है, जैसे कि –
जब हम पार्लर में हेयर कट कराते हैं तो बिल में सर्विस टैक्स जुड़ा होता है. होटल में खाना खाने पर भी हम सर्विस टैक्स अदा करते हैं. किसी CA की सर्विस लेने पर या आर्किटेक्ट से घर बनवाने पर भी हम सर्विस टैक्स देते हैं. डॉक्टर से रोग का इलाज करवाने पर सर्विस टैक्स देते है.
यहाँ होता क्या है कि जो सर्विस प्रोवाइडर है वो अपनी सर्विसेस के लिए हमसे पैसे लेता है उसी में से सरकार के खाते में सर्विस टैक्स जमा करता है. ( एक बात जान लीजिए की सरकार के खाते में जितना भी राशि जमा होती है उसका सबसे बड़ा हिस्सा सर्विस टैक्स से ही होता है)
सबसे पहेले ये जान लीजिये की भारत में पहले बहुत तरह के अलग अलग टैक्स लगते थे हर टैक्स का एक अलग अलग नाम हुआ करता था अब उसकी जगह पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा जिसको GST कहेंगे| सेवाओ और वस्तुओ पर अलग टैक्स न लग कर GST लगेगा
वों अलग अलग टैक्स कोनसे होते थे उनकी Detail आप नीचे देखिये-
Central Excise Duty ( केंद्रीय उत्पाद शुल्क ), Commercial Tax ( वाणिज्यिक कर ), Value Added Tax (VAT) ( मूल्य वर्धित कर ), Food Tax ( खाद्य कर ), Central Sales Tax (CST) ( केंद्रीय बिक्री कर ), Octroi ( चुंगी ), Entertainment Tax ( मनोरंजन कर ), Entry Tax ( प्रवेश कर ), Purchase Tax ( खरीद कर ), Luxury Tax ( लक्जरी टैक्स ), Advertisement tax ( विज्ञापन कर )
इन सभी टैक्स के नाम आपको 1 जुलाई से पहेले ही सुनने को मिलेंगे | उसके बाद ये सब टैक्स GST के अंदर आ जायेंगे|
GST में अभी तक 1211 वस्तु की दर निर्धारित कर ली है
उदाहरण के लिए : कोई मोबाइल राजस्थान में महंगा मिलता है और वही मोबाइल किसी दुसरे राज्य में सस्ता मिलता है तो अब ऐसा नही होगा
अब सभी राज्य में एक ही मूल्य से सामान मिला करेगा
GST लागु होने से किसी वस्तु पर प्रभाव किस तरह से पड़ेगा-
चलिये हम आपको एक सरल उदाहरण से समझाते है कि GST से पहले और GST लागु होने के बाद हमे किस तरह प्रभावित करेगा -
GST से पहले क्या होता था-
माना एक कार का दाम 100 रूपये है
केंद्रीय उत्पाद शुल्क - 12.5%
सेसे- 1%
प्रवेश कर- 4.5%
वैट- 13.5%
भाड़ा- 5%
वीमा- 2%
कुल मिलाकर दाम हुआ 137.5 (100+37.5) रूपये
अब GST के बाद क्या होगा-
कार का दाम 100 रुपया
भाड़ा- 5%
बीमा - 2%
GST- 28%
कुल मिला कर दाम हुआ 135 (100+35) रूपये
यानि GST लागु होने से हमें 3.5% (137.5-135) का लाभ हो रहा है।
GST | एक राष्ट्र – एक कर-
जैसा की बताया अलग अलग टैक्स की जगह पर अब एक ही GST लगेगा पर यहाँ पर आपको पुरे देश में एक ही निर्धारित प्रतिशत पर पुरे देश में टैक्स देना होगा
भारत में 28 राज्य (जम्मू कश्मीर को छोड़ कर) है जिसमे अलग अलग सामान और सेवाओ का अलग अलग कर ( Tax ) लगता था| पर GST बिल आने से पुरे देश में एक ही निर्धारित मात्रा कर लगा करेगा|
पुरे भारत में अलग अलग वस्तुओ और सेवाओ पर निर्धारित प्रतिशत से कर ( Tax ) लगेगा |
GST में तीन तरह के टैक्स शामिल होंगे जिनमें पहला होगा CGST यानी central goods And Services tax, जिसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
दूसरा Tax होगा SGST यानी State goods And Services tax जिसे राज्य सरकारें वसूलेंगी।
तीसरा होगा IGST यानी Integrated goods And Services tax जो दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर लगेगा और इसे दोनों राज्यों को बराबर अनुपात में बांटा जाएगा।
GST की दर (Rate of GST)-
मूल तौर पर सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर-
0%, 5%, 12%, 18% एवं28%
की दर से जीएसटी लगायी जाएगी। विशेष रूप से वैभव की वस्तुओं (luxury items) पर 28% की दर apply होगी।
आइये जानते है किन किन वस्तुओ पर कितना कितना GST दर लगेगा-
0% GST Rates Items – गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, मूड़ी (मुरमुरे), खोई, ब्रेड, गुड़, दूध, दही, लस्सी, खुला पनीर, अंडे, मीट-मछली, शहद, ताजी फल-सब्जियां, प्रसाद, नमक, सेंधा/काला नमक, कुमकुम, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, पान के पत्ते, गर्भनिरोधक, स्टांप पेपर, कोर्ट के कागजात, डाक विभाग के पोस्टकार्ड/लिफाफे, किताबें, स्लेट-पेंसिल, चॉक, समाचार पत्र-पत्रिकाएं, मैप, एटलस, ग्लोब, हैंडलूम, मिट्टी के बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार, बीज, बिना ब्रांड के ऑर्गेनिक खाद, सभी तरह के गर्भनिरोधक, ब्लड, सुनने की मशीन।
5% GST Rates Items – ब्रांडेड अनाज, ब्रांडेड आटा, ब्रांडेड शहद, चीनी, चाय, कॉफी, मिठाइयां, खाद्य तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, बच्चों के मिल्क फूड, रस्क, पिज्जा ब्रेड, टोस्ट ब्रेड, पेस्ट्री मिक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन फल-सब्जियां, पैकिंग वाला पनीर, ड्राई फिश, न्यूजप्रिंट, ब्रोशर, लीफलेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस, झाडू, क्रीम, मसाले, जूस, साबूदाना, जड़ी-बूटी, लौंग, दालचीनी, जायफल, जीवन रक्षक दवाएं, स्टेंट, ब्लड वैक्सीन, हेपेटाइटिस डायग्नोसिस किट, ड्रग फॉर्मूलेशन, क्रच, व्हीलचेयर, ट्रायसाइकिल, लाइफबोट, हैंडपंप और उसके पार्ट्स, सोलर वाटर हीटर, रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस, ईंट, मिट्टी के टाइल्स, साइकिल-रिक्शा के टायर, कोयला, लिग्नाइट, कोक, कोल गैस, सभी ओर (अयस्क) और कंसेंट्रेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस।
12% GST Rates Items –नमकीन, भुजिया, बटर ऑयल, घी, मोबाइल फोन, ड्राई फ्रूट, फ्रूट और वेजिटेबल जूस, सोया मिल्क जूस और दूध युक्त ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन मीट-मछली, अगरबत्ती, कैंडल, आयुर्वेदिक-यूनानी-सिद्धा-होम्यो दवाएं, गॉज, बैंडेज, प्लास्टर, ऑर्थोपेडिक उपकरण, टूथ पाउडर, सिलाई मशीन और इसकी सुई, बायो गैस, एक्सरसाइज बुक, क्राफ्ट पेपर, पेपर बॉक्स, बच्चों की ड्रॉइंग और कलर बुक, प्रिंटेड कार्ड, चश्मे का लेंस, पेंसिल शार्पनर, छुरी, कॉयर मैट्रेस, एलईडी लाइट, किचन और टॉयलेट के सेरेमिक आइटम, स्टील, तांबे और एल्यूमीनियम के बर्तन, इलेक्ट्रिक वाहन, साइकिल और पार्ट्स, खेल के सामान, खिलौने वाली साइकिल, कार और स्कूटर, आर्ट वर्क, मार्बल/ग्रेनाइट ब्लॉक, छाता, वाकिंग स्टिक, फ्लाईएश की ईंटें, कंघी, पेंसिल, क्रेयॉन।
18% GST Rates Items – हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉर्न फ्लेक्स, पेस्ट्री, केक, जैम-जेली, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड, शुगर कन्फेक्शनरी, फूड मिक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स कंसेंट्रेट, डायबेटिक फूड, निकोटिन गम, मिनरल वॉटर, हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉयर मैट्रेस, कॉटन पिलो, रजिस्टर, अकाउंट बुक, नोटबुक, इरेजर, फाउंटेन पेन, नैपकिन, टिश्यू पेपर, टॉयलेट पेपर, कैमरा, स्पीकर, प्लास्टिक प्रोडक्ट, हेलमेट, कैन, पाइप, शीट, कीटनाशक, रिफ्रैक्टरी सीमेंट, बायोडीजल, प्लास्टिक के ट्यूब, पाइप और घरेलू सामान, सेरेमिक-पोर्सिलेन-चाइना से बनी घरेलू चीजें, कांच की बोतल-जार-बर्तन, स्टील के ट-बार-एंगल-ट्यूब-पाइप-नट-बोल्ट, एलपीजी स्टोव, इलेक्ट्रिक मोटर और जेनरेटर, ऑप्टिकल फाइबर, चश्मे का फ्रेम, गॉगल्स, विकलांगों की कार।
28% GST Rates Items – कस्टर्ड पाउडर, इंस्टैंट कॉफी, चॉकलेट, परफ्यूम, शैंपू, ब्यूटी या मेकअप के सामान, डियोड्रेंट, हेयर डाइ/क्रीम, पाउडर, स्किन केयर प्रोडक्ट, सनस्क्रीन लोशन, मैनिक्योर/पैडीक्योर प्रोडक्ट, शेविंग क्रीम, रेजर, आफ्टरशेव, लिक्विड सोप, डिटरजेंट, एल्युमीनियम फ्वायल, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, डिश वाशर, इलेक्ट्रिक हीटर, इलेक्ट्रिक हॉट प्लेट, प्रिंटर, फोटो कॉपी और फैक्स मशीन, लेदर प्रोडक्ट, विग, घड़ियां, वीडियो गेम कंसोल, सीमेंट, पेंट-वार्निश, पुट्टी, प्लाई बोर्ड, मार्बल/ग्रेनाइट (ब्लॉक नहीं), प्लास्टर, माइका, स्टील पाइप, टाइल्स और सेरामिक्स प्रोडक्ट, प्लास्टिक की फ्लोर कवरिंग और बाथ फिटिंग्स, कार-बस-ट्रक के ट्यूब-टायर, लैंप, लाइट फिटिंग्स, एल्युमिनियम के डोर-विंडो फ्रेम, इनसुलेटेड वायर-केबल।
कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जो जीएसटी के कर्यक्षेत्र से बाहर रखी गयी हैं। ऐसी वस्तुओं में मुख्य तौर पर –
शराब, पेट्रोलियम सामग्री जैसे- कच्चा तेल (crude oil), पेट्रोल, डीज़ल, विमानन टरबाइन ईंधन (aviation turbine fuel) एवं प्राकृतिक गैस आदि सम्मिलित है।
How will individual be affected
GST लागु होने से क्या सस्ता और क्या महंगा होगा-
GST लागू होने के बाद घर और कार खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा। छोटी कारों और Compact SUVs पर अभी 30 से 44 प्रतिशत तक टैक्स लगता है लेकिन सिर्फ 18 प्रतिशत GST लगने की वजह से ये कारें 45 हज़ार रुपये तक सस्ती हो सकती हैं।लेकिन हाइब्रिड गाड़ियां जैसी मारुति की सियाज और आर्टिगा और होंडा की एकॉर्ड और टोयोटा की कैमरी जैसी गाड़ियां महंगी होंगी।
अभी घर खरीदने पर आपको सर्विस टैक्स और Vat दोनों चुकाने पड़ते हैं लेकिन GST लागू होने पर आपको सिर्फ एक तरह का टैक्स देना होगा।
रेस्टोरेंट में खाने के बिल पर होगा असर, घटेगा टैक्स-
बिना एसी वाले रेस्त्रां में अभी सर्विस टैक्स नहीं लगता लेकिन 12.5 फीसदी वैट लगता है। अब 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। यानी इनमें टैक्स की दर 0.5 फीसदी कम होगी। एसी वाले रेस्त्रां औऱ शराब परोसने वाले रेस्त्रां (एसी और बगैर ऐसी वाले) में अभी साढ़े 12 फीसदी की दर से वैट औऱ छह फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगता है, यानी कुल 18.5 फीसदी। अब इन जगहों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। यानी इनमें टैक्स की दर 0.5 फीसदी कम होगी। सितारा होटलों या लग्जरी रिजॉर्ट में बने रेस्त्रां में भी 18 फीसदी की दर से ही जीएसटी लगेगा।
फिल्म देखना सस्ता-
जीएसटी में कम टिकट वाली फिल्में देखना सस्ता होगा।100 रुपए कम कीमत वाले फिल्म के टिकटों पर जीएसटी में 18 फीसदी टैक्स लगेगा। अभी तक 28 फीसदी लगता था।
फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन सस्ती-
एसी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज को 28 फीसदी टैक्स दायरे में रखा गया है। अभी इन पर अभी 30-31 फीसदी टैक्स लगता है। एसी और फ्रिज की कीमत कुछ कम होगी।
GST से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न--
* GST को प्रथम बार 2006 में संसद में प्रस्तुत किया गया था।
* GST बिल राज्यसभा में 3 अगस्त 2016 को तथा लोकसभा में 8 अगस्त 2016 को पारित किया गया।
* भारत में GST लागु करने का सुझाव बिजय केलकर समिति ने दिया।
* सर्वप्रथम GST बिल का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष असीम दास गुप्ता थे।
* GST परिषद में सम्मिलित कुल सदस्यो की संख्या 33 है।
* GST बिल पर राष्ट्पति ने अपनी मंजूरी 8 अगस्त 2016 को दी।
* GST बिल सर्वप्रथम पारित करने वाला राज्य असम है।
* भारत का एकमात्र राज्य जहाँ GST लागु नहीं होगा - जम्मू कश्मीर ।
* GST लागु करने वाला विश्व का पहला देश फ्रांस है।
* राज्यो को GST से होने वाले नुकसान का 5 वर्षो तक केंद्र 100% भरपाई करेगी ।
* 20 लाख वार्षिक टर्नओवर की सीमा जिसके ऊपर कारोबारियो को GST का पंजीकरण तथा भुगतान करना होगा ।
'दोस्तों हम उम्मीद करते है कि GST आपको समझ में आ गया होगा । ये पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताएं'
दोस्तों मै उम्मीद करता हु GST kya hai . INDIA में GST किस तरह से कम करता है इसके बारे में आपको समझ आगया होगा .
Nice post
ReplyDeleteआपने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है। आपने इस Article में बहुत अच्छी जानकारी दी हैं।
ReplyDeleteमुझे आपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।
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