भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियों के नाम व विशेषता
Bharat ke Pramukh Parvat Name List - इस पोस्ट में हम India के important पर्वत एवं पहाडियों के नाम
तथा उसकी विशेषता के बारे में बताने वाला हूँ प्रतियों परीक्षाओं में Geography Subject से प्रश्न पूछे जाते है जिसमे पर्वत एवं पहाड़ एक महत्वपूर्ण पार्ट है इसे
पढ़ कर आप देश की भौगोलिक संरचना के बारे में जानकारी मिलेगी। भारत में बहुत सारे पर्वत श्रेणी (Range) एवं पहाड़िया है
लेकिन यहाँ पर हम सिर्फ केवल महत्वपूर्ण श्रेणियों के बारे में बताने जा रहा परीक्षाओं
में इन्हीं से ज्यादा questions पूछे जाते है।
भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणी एवं पहाड़ियां के नाम (Important Mountains Ranges name of India)
शिवालिक हिमालय- यह हिमालय की सबसे दक्षिणी श्रेणी
है। भारत एवं विश्व में इसका विस्तार पश्चिम में पोतवार पठार (पाकिस्तान) से लेकर
पूर्व में तिस्ता नदी तक है।
काराकोरम श्रेणी(Karakoram range)- यह भारत की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी
में हैं। यह मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में स्थित है। विश्व का दूसरा तथा भारत का
सर्वोच्च शिखर K2 इसमें स्थित है। सियाचीन, एवं बिफो ग्लेशियर इसी
श्रेणी में है।
लद्दाख श्रेणी(Ladakh ranges)- माउंट रकापोसी इसकी सबसे ऊँची चोटी
है। यह श्रेणी काराकोरम के दक्षिण में स्थित है। यहाँ पर बौद्ध धर्म के अनुयायियों
के निवास स्थाल पाए जाते हैं।
महान हिमाल - इसका विस्तार गंगा पर्वत से नामचा बारवा तक
है। यह हिमालय श्रेणी की सबसे ऊँची श्रेणी है। इस श्रेणी में संसार की सात प्रमुख
ऊँची चोटियाँ अवस्थित हैं। ये हैं- माँउण्ट एवरेस्ट, कंचनजंगा, मकालु, धौलाधर, नंगा पर्वत,
नंदा देवी एवं नामचा बारवा।
मध्य हिमालय- यह महान् हिमालय के दक्षिण में इसके समान्तर
विस्तृत है। पीरपंजाल, धौलाधार, महाभारत,
नागाटिबा एवं मसूरी इसी प्रमुख श्रेणियाँ हैं। इस हिमालय में कश्मीर
में कश्मीर घाटी हिमालय में कांगड़ा एवं कुल्लू घाटी अवस्थित हैं। रानी खेत,
नैनीताल, मसूरी, अलमोड़ा
तथा दार्जलिंग प्रमुख हिल स्टेशन हैं।
जास्कर श्रेणी - यह श्रेणी लद्दाख के दक्षिण में
उत्तराखण्ड एवं जम्मू-कश्मीर में विस्तृत है। इस श्रेणी की सबसे ऊँची चोटी कामेत
है। सिंधू नदी लद्दाख एवं जास्कर के बीच से प्रवाहित होती है। भारत का सबसे ठंडा
प्रदेश द्रास इसी में स्थित है।
पीरपंजाल श्रेणी- यह जम्मू-कश्मीर में जास्कर के
दक्षिण में स्थित है तथा जम्मू-कश्मीर घाटी से अलग करती है। इसी श्रेणी में
प्रसिद्ध जवाहर सुरंग है।
धोलाधर श्रेणी- यह पीरपंजाल के दक्षिण में
जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में विस्तृत है। कैलाश, ड्रोमडरी
तथा तोरल इसके प्रमुख शिखर हैं। शिमला, कुल्लू, मनाली आदि इसी श्रेणी में स्थित है। यह श्रेणी चीड़ एवं देवदार वनों के लिए
प्रसिद्ध हैं।
विन्ध्य पर्वत श्रेणी - यह कई पर्वतों का
समुह हैं पश्चिम से पूर्व की ओर क्रम है- विंध्य, भाण्डेंर, भारनेर, पारसनाथ,
राजमहल। यह श्रेणी(ranges) मालवा पठार के दक्षिण के मध्य प्रदेश में विस्तृत है तथा उत्तर
भारत एवं दक्षिण भारत के बीच जल विभाजक का कार्य करती है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क यही
पर स्थित है।
सतपुड़ा श्रेणी - यह ब्लाक पर्वत का उदाहरण है। नर्मदा
घाटी(Valley) तथा तापी नदी घाटी के मध्य विंध्य श्रेणी के समान्तर स्थित है। इसके पश्चिम
से पूर्व जाने पर क्रमशः राजपीपला, महादेव, गाविलगढ़ एवं मैकाल पहाड़िया मौजूद हैं। धूपगढ़ इसकी सबसे ऊँची चोटी है।
मैकाल श्रेणी - इसकी सबसे ऊँची चोटी अमरकंटक है, जो
नर्मदा, सोन, जोहिला तथा वेन गंगा नदी
का उद्गम स्रोत है। यह श्रेणी सतपुड़ा का ही पूर्वी भाग है जो मध्यप्रदेश एवं
छत्तीसगढ़ में विस्तृत है। कान्हा नेशनल पार्क मैकाल श्रेणी में ही स्थित है।
अजंता श्रेणी - यह श्रेणी महाराष्ट्र में तापी नदी
के दक्षिण में पश्चिम से पूर्व की ओर विस्तृत हैं इस श्रेणी में 29
गुफाएँ मिलती हैं जो गुप्तकालीन भित्ति चित्रों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
गिर श्रेणी - यह श्रेणी गुजरात के जूनागढ़ में अवस्थित है
जो एशियाई शेरों के आवास के लिए प्रसिद्ध है।
अरावली श्रेणी(Aravali ranges) - इसका विस्तार राजस्थान से दिल्ली तक
है। यह विश्व की प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है। दिल्ली में इसे दिल्ली रिज, अलवर
में हर्षनाथ की पहाड़ी तथा उदयपुर में जर्गा की पहाड़ी कहते हैं। गुरूशिखर इसकी
सर्वोच्च चोटी है जो माउण्टआबू पहाड़ी में है। यह श्रेणी लूनी, स्वर्ण रेखा तथा बनास नदियों का उद्गम है। यहाँ चूना पत्थर, संगमरमर तथा बलुआ पत्थर की चट्टानें मिलती हैं। यह तांबा एवं सीसा खनिज के
लिए प्रसिद्ध है।
राजमहल पहाड़ियाँ - यह प्राकृतिक बैसाल्टिक शैलों से
निर्मित है। यह पहाड़ी अमरकंटक में छोटानागपुर के पठार पर स्थित है। ये पहाड़ियां
वनस्पति जीवाश्म के स्थल है। इन पहाड़ियों में, कोयला, तांबा, लोहा तथा मैंगनीज बहुतायत से पाया जाता है।
मैकाल श्रेणी -यह सतपुड़ा श्रेणी का ही पूर्वी भाग
है। मैकाल श्रेणी मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में विस्तृत है। अमरकंटक इसकी सबसे
ऊँची चोटी है, जो नर्मदा, सोन एवं महानदी का उद्गम
स्रोत है। प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क यहीं स्थित है।
बालाघाट श्रेणी - यह श्रेणी महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश
में विस्तृत है तथा माजरा नदी का उद्गम स्रोत है। यह श्रेणी चूना पत्थर, मैंगनीज,
पायराइट, डोलोमाइट आदि का भण्डार है।
गारों की पहाड़ियाँ -यहाँ रहने वाली गारो
जनजाति के नाम पर ही इसे गारो पहाड़ी कहते हैं। यह मेघालय में विस्तृत है। झूम खेती
से यहाँ के पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है। नोकरेक इसका सबसे ऊँचा शिखर है।
खासी की पहाड़ियाँ - मेघालय के पठार के मध्य में स्थित
है। संसार की आत्यधिक वर्षा रिकार्ड वाला स्थान चेरापूंजी तथा मासिनराम इसी पहाड़ी
में स्थित है। खासी यहाँ की मुख्य जनजाति है।
जयन्तियाँ पहाड़ियाँ - यह मेघालय के पठार
का पूर्वी भाग हे। भारत की सबसे लंबी प्राकृतिक गुफा इसी पहाड़ी में स्थित है।
मारंगसिन इसकी सबसे ऊँची चोटी है। जयन्तियाँ यहां की मुख्य जनजाति है।
कच्छ श्रेणी - यह गुजरात राज्य में कच्छ प्रायद्वीप पर
स्थित है। इसके उत्तर में कच्छ का रन है जो जंगली गधा का निवास है।
गिरनार पहाड़ियां: यह पहाड़ी गुजरात के काठियावाड़ में
विस्तृत है। गोरखानाथ इसका सबसे ऊँचा शिख है। यह एशियाई बब्बर शेर का निवास स्थल
है।
नल्लामलाई पहाड़ियाँ - यह पूर्वीघाट का ही
भाग है। इसे ब्लैक पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ से NH-9 मार्ग गुजरता
है। इसका विस्तार कोरोमण्डल तट के समान्तर है।
पालकोंडा श्रेणी - यह श्रेणी पूर्वीघाट का एक भाग है
तथा आंध्र प्रदेश में विस्तृत है। यह धातु तथा अधातु से धनी है। यह श्रेणी सघन
वनों से ढका है।
नीलगिरी पहाड़ियाँ -
ये पहाड़ियां पूर्वी घाट एवं पश्चिम घाट का संगम है जो तमिलनाडु में अवस्थित हैं
यूनेस्के द्वारा इसे बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया है। दोदाबेट्टा
इसकी सर्वोच्च शिखर है। टोडा यहाँ की मुख्य जनजाति है।
इलायची की पहाड़ियाँ - इलायची की पहाड़ी
पश्चिम घाट का दक्षिणी विस्तार है, जो केरल तथा तमिलनाडु में
विस्तृत है। अनई मुडी इसका सर्वोच्च शिखर है। ये पहाड़ियाँ इलायची और चाय की खेती
के लिए जानी जाती है इसलिए इसका नाम इलायची की पहाड़ी है।
अन्नामलाई पहाड़ियाँ - यह केरल तथा
तमिलनाडू में विस्तुत है तथा पश्चिम घाट का ही भाग है। इसे एलिफेंटा पहाड़ियों के
नाम से भी जाना जाता हैं।
गाडविन आस्टिन(Godwin Austen) - यह काराकोरम पर्वत श्रेणी में स्थित
है तथा भारत की सर्वोच्च व विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। इसे K2 नाम
से भी जाना जाता है। इसे स्थानीय भाषा में चोगोरी कहा जाता हैं यह अर्कियन युग की
है।
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