दीपावली त्योहार का असली महत्व
Hello दोस्तों, सबसे पहले तो मैं आप सभी को दीपावली के इस पावन पर्व पर आप सभी को शुभकामनाएं। हम सभी दीपावली(दिवाली) मनाते तो हैं लेकिन दिवाली त्योहार का असली मतलब नहीं समझ पाते, हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए जितने भी त्योहार, पर्व मनाए जाते हैं इन सब के पीछे हमारे जीवन से जुड़ा कोई ना कोई कारण अवश्य होता है।
सदियों से चली आ रही इस दीपावली त्यौहार को एक आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं कि इसका हमारे जीवन से क्या संबंध है।
भारतीय दर्शन में यह बताया गया है कि इस भौतिक शरीर और मन से परे वहां कुछ है जो शुद्ध अनंत है जिसे आत्मा कहा गया है दोस्तों इसी आत्मा को ज्ञान का दीपक जला कर इसे शुद्ध करना है। मनुष्य का सारा ज्ञान आत्मा में होता है चाहे वह भौतिक हो या आध्यात्मिक ज्ञान हो, यह प्रकाशित न होकर ढका रहता है यानी इस पर अज्ञानता की परत चढ़ी हुई होती है, जब आवरण(परत) धीरे-धीरे हटने लगता है तो मनुष्य सीख रहा होता है फिर हम कहते हैं हमें ज्ञान प्राप्त हो रहा है। दीपावली त्यौहार भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। आप अपने अंदर जितना ज्यादा ज्ञान का दीप जलाएंगे आपके जीवन में उतनी ही खुशियां आएंगी फिर इसी से हम सारे संसार को रोशन कर सकते हैं।
'तमसो मा ज्योतिर्गमय'
अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर हमें ले चलो। अंधकार मतलब अज्ञान, प्रकाश मतलब ज्ञान। दीपावली त्यौहार हमें संदेश देता है कि हमारे जीवन में जो भी अज्ञानता का अंधेरा है उसे ज्ञान का दीपक जलाकर प्रकाशित कर दे फिर उस ज्ञान रूपी प्रकाश से अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी खुशियां फैलाए।
दोस्तों यही है दीपावली का असली महत्व। आप सभी लोग अपने अंदर की गंदगी के साथ अपने आसपास की गंदगी को भी साफ तथा प्रदूषण मुक्त रखें, अपनी खुशी के साथ दूसरों के जीवन में भी खुशियां लाएं। Happy Diwali
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दीपावली क्या है? दीपावली क्यो मनाई जाती है
दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है दीप और आवली, दीप का मतलब होता है दिया और आवली का मतलब श्रृंखला है अर्थात प्रकाश की श्रृंखला या कतार। प्राचीन हिंदू ग्रंथ रामायण में बताया गया है कि भगवान राम उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास के बाद घर वापसी के सम्मान में यह मनाया जाता है उसी समय जब राम अत्याचारी रावण का वध करके अयोध्या लौटे हैं तो उसके उपलक्ष में दीपक जलाकर खुशियां मनाई जाती है अर्थात असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।सदियों से चली आ रही इस दीपावली त्यौहार को एक आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं कि इसका हमारे जीवन से क्या संबंध है।
भारतीय दर्शन में यह बताया गया है कि इस भौतिक शरीर और मन से परे वहां कुछ है जो शुद्ध अनंत है जिसे आत्मा कहा गया है दोस्तों इसी आत्मा को ज्ञान का दीपक जला कर इसे शुद्ध करना है। मनुष्य का सारा ज्ञान आत्मा में होता है चाहे वह भौतिक हो या आध्यात्मिक ज्ञान हो, यह प्रकाशित न होकर ढका रहता है यानी इस पर अज्ञानता की परत चढ़ी हुई होती है, जब आवरण(परत) धीरे-धीरे हटने लगता है तो मनुष्य सीख रहा होता है फिर हम कहते हैं हमें ज्ञान प्राप्त हो रहा है। दीपावली त्यौहार भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। आप अपने अंदर जितना ज्यादा ज्ञान का दीप जलाएंगे आपके जीवन में उतनी ही खुशियां आएंगी फिर इसी से हम सारे संसार को रोशन कर सकते हैं।
'तमसो मा ज्योतिर्गमय'
अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर हमें ले चलो। अंधकार मतलब अज्ञान, प्रकाश मतलब ज्ञान। दीपावली त्यौहार हमें संदेश देता है कि हमारे जीवन में जो भी अज्ञानता का अंधेरा है उसे ज्ञान का दीपक जलाकर प्रकाशित कर दे फिर उस ज्ञान रूपी प्रकाश से अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी खुशियां फैलाए।
दोस्तों यही है दीपावली का असली महत्व। आप सभी लोग अपने अंदर की गंदगी के साथ अपने आसपास की गंदगी को भी साफ तथा प्रदूषण मुक्त रखें, अपनी खुशी के साथ दूसरों के जीवन में भी खुशियां लाएं। Happy Diwali
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