उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेले और महोत्सव के नाम तथा स्थान
इस पोस्ट में Uttar Pradesh के प्रमुख मेले (importance UP fairs Name) के नाम तथा आयोजक स्थल के बारे में बताने जा रहा हूँ उत्तर प्रदेश में हजारो मेलो तथा महोत्सव(festivals) का आयोजन होता है लेकिन कुछ प्रमुख मेले यैसे है जो पुरे भारत में जाने जाते है उन मेलो/महोत्सव के नाम तथा आयोजक स्थान को जानना जरुरी है प्रतियोगी परीक्षा में इन्हीं के बारे में अक्सर पूछे जाते जो हम बताने जारहा हूँ।
सबसे पहले हम जान लेते है मेला क्या है यह क्यो लगता है। जब किसी विशेष स्थान पर किसी व्यापारिक, धार्मिक तथा सामाजिक उद्देश्य के लिए बहुत सारे लोग इकठ्ठा होते है तो इसे मेला कहते है, मेले में तरह तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते है जैसे मनोरंजन, तरह तरह की दुकानें, नाच गाने आदि। उत्तर प्रदेश में अधिकतर मेले धार्मिक होते है कुछ व्यपारिक भी होते है जैसे पशु मेला, कृषि मेला। भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में कुम्भ मेला लगता है।
यहाँ पर हम बताने जा रहे है उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण मेलो के नाम तथा उनके स्थान।
यहाँ पर हम बताने जा रहे है उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण मेलो के नाम तथा उनके स्थान।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेले तथा स्थान की सूची (Uttar Pradesh Fairs Name list)
कुम्भ मेला - प्रत्येक 12 वर्ष में प्रयाग में (प्रयागराज)
अर्द्ध कुम्भ मेला - प्रत्येक 6 वर्ष में प्रयाग में
माघ मेला – वर्ष में एक बार
बटेश्वर मेला (पशु मेला) – आगरा में (ऊँटो का मेला)
देशा शरीफ - बाराबंकी
नौचन्दी मेला - मेरठ
कंस मेला - मथुरा व फतेहपुर सिकरी
गोबिंद साहब मेला - अम्बेडकर नगर
ध्रुपद मेला - वाराणसी
सैय्यद सालार - बहराइच
शाकुम्भरी का मेला - सहारनपुर
कैलाश मेला - आगरा
गढ़मुक्तेश्वर का मेला - हापुड़ हरिदास जयंती - वृन्दावन
कतिकी मेला - बिठूर
ददरी मेला (पशुओं का क्रय-विक्रय) - बलिया
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