नारी सशक्तिकरण पर निबंध - Women Empowerment Essay PDF in Hindi
इस पोस्ट में हम Mahila Sashaktikaran के बारे कुछ बाते करना चाहता हूं तथा Women Empowerment Essay in Hindi PDF में लिखा गया लम्बा निबन्ध भी दे रहा हूँ। 8 मार्च को पुरे विश्व में नारी सशक्तिकरण के रूप में मनाया जाता है, इसको देखते हुए हम Nari Sashaktikaran Essay PDF in Hindi ले कर यहाँ हूँ।
जब भी महिलाओं की उन्नति, विकास और उत्थान की बात की जाती है तो सशक्तिकरण शब्द का प्रयोग किया जाता है सबसे पहले हम जान लेते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए सशक्तिकरण क्या है ? सशक्तिकरण का अर्थ है किसी भी व्यक्ति के अंदर ऐसी क्षमताएं आ जाती हैं जो अपने जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण निर्णय ले सके। यही बात महिला सशक्तिकरण में होती है जहां पर महिलाएं समाज के किसी भी बंधनों से मुक्त होकर स्वयं निर्णय ले सकें और समाज की उत्थान के लिए वह भी हाथ बढ़ाएं।
हमारे भारतीय समाज के अतीत की बात की जाए तो लगभग हर जगह पुरुष प्रधान मानसिकता तत्कालीन समय में महिलाओं पर हावी रही जिससे उन्हें उपेक्षा, भेदभाव, लैंगिक, असमानता और शोषण का सामना करना पड़ा है। आज भी कहीं ना कहीं भारतीय समाज इन कुरीतियों से अछूता नहीं है। इतिहास की तरफ झांक कर देखा जाए तो महिलाओं की तत्कालीन दयनीय दशा का कारण समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक मानसिकता रही है जिन्होंने स्त्रियों का शोषण करने की परंपरा जमा ली। हैरानी की बात तब होती है जब स्त्री को भोगविलास की वस्तु बता कर अपनी खराब होती मानसिकता का परिचय दिया। इसी गलत मानसिकता के कारण तत्कालीन समय में स्त्रियों के प्रति नकारात्मक विचारों का जन्म होने लगा। स्त्री को सिर्फ घरेलू श्रमिक, उपभोग व मनोरंजन की वस्तु समझा गया।
इतनी सामाजिक बेड़ियो में बंधे होने के बावजूद भी महिलाओं ने पुरुषों के समक्ष अपने ज्ञान तथा विवेक का परिचय दिया है। जैसे- रजिया सुल्तान, देवी चौधरानी, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरतमहल, कदग्विनि गांगुली, सरोजनी नायडू, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी आदि महिलाओ ने समाज के विकास के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया है। इससे जाहिर होता है कि अगर महिलाओं को भी सशक्त बनाया जाए तो वह भी समाज में अच्छे कार्यों के लिए योगदान जरूर दे सकती हैं। आज समाज में ऐसे वातावरण की आवश्यकता है जिसमें सरकारी व गैर सरकारी प्रयासों देश और समाज को खुशहाल और समृद्ध बनाना है। सदियों से चली आ रही इस रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ना होगा। महिलाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक कर सभी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी के स्तर में वृद्धि करने पर ही महिलाएं सशक्त होगी और तभी समाज मजबूत होगा और राष्ट्र निर्माण होगा।
यदि आप नारी सशक्तिकरण पर इससे ज्यादा लेख पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए PDF को डाउनलोड करके पढ़ें।
Women Empowerment Essay PDF in Hindi
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जब भी महिलाओं की उन्नति, विकास और उत्थान की बात की जाती है तो सशक्तिकरण शब्द का प्रयोग किया जाता है सबसे पहले हम जान लेते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए सशक्तिकरण क्या है ? सशक्तिकरण का अर्थ है किसी भी व्यक्ति के अंदर ऐसी क्षमताएं आ जाती हैं जो अपने जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण निर्णय ले सके। यही बात महिला सशक्तिकरण में होती है जहां पर महिलाएं समाज के किसी भी बंधनों से मुक्त होकर स्वयं निर्णय ले सकें और समाज की उत्थान के लिए वह भी हाथ बढ़ाएं।
महिला सशक्तिकरण पर निबंध (Essay on Women Empowerment in Hindi)
संपूर्ण विश्व में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है इसका अभिप्राय बिल्कुल भी नहीं है कि शेष 364 दिन आप इन्हें अलग कर दें बल्कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नारी को उसके अधिकारों के प्रति प्रोत्साहित कर उसे सशक्त होने का अवसर प्रदान करना है ताकि वह ना केवल खुद को सशक्त कर सके बल्कि उन्नत समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। सही मायनों में महिला दिवस का अर्थ सभी स्टूडेंट्स को समझना होगा तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा।हमारे भारतीय समाज के अतीत की बात की जाए तो लगभग हर जगह पुरुष प्रधान मानसिकता तत्कालीन समय में महिलाओं पर हावी रही जिससे उन्हें उपेक्षा, भेदभाव, लैंगिक, असमानता और शोषण का सामना करना पड़ा है। आज भी कहीं ना कहीं भारतीय समाज इन कुरीतियों से अछूता नहीं है। इतिहास की तरफ झांक कर देखा जाए तो महिलाओं की तत्कालीन दयनीय दशा का कारण समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक मानसिकता रही है जिन्होंने स्त्रियों का शोषण करने की परंपरा जमा ली। हैरानी की बात तब होती है जब स्त्री को भोगविलास की वस्तु बता कर अपनी खराब होती मानसिकता का परिचय दिया। इसी गलत मानसिकता के कारण तत्कालीन समय में स्त्रियों के प्रति नकारात्मक विचारों का जन्म होने लगा। स्त्री को सिर्फ घरेलू श्रमिक, उपभोग व मनोरंजन की वस्तु समझा गया।
इतनी सामाजिक बेड़ियो में बंधे होने के बावजूद भी महिलाओं ने पुरुषों के समक्ष अपने ज्ञान तथा विवेक का परिचय दिया है। जैसे- रजिया सुल्तान, देवी चौधरानी, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरतमहल, कदग्विनि गांगुली, सरोजनी नायडू, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी आदि महिलाओ ने समाज के विकास के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया है। इससे जाहिर होता है कि अगर महिलाओं को भी सशक्त बनाया जाए तो वह भी समाज में अच्छे कार्यों के लिए योगदान जरूर दे सकती हैं। आज समाज में ऐसे वातावरण की आवश्यकता है जिसमें सरकारी व गैर सरकारी प्रयासों देश और समाज को खुशहाल और समृद्ध बनाना है। सदियों से चली आ रही इस रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ना होगा। महिलाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक कर सभी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी के स्तर में वृद्धि करने पर ही महिलाएं सशक्त होगी और तभी समाज मजबूत होगा और राष्ट्र निर्माण होगा।
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महिला सशक्तिकरण पर निबंध पीडीएफ (Women Empowerment Essay in Hindi PDF)
यहां पर हम महिला सशक्तिकरण पर पूरी जानकारी PDF में दे कर रहे। इस पीडीएफ में महिलाओं के अतीत काल का इतिहास कैसा रहा था उनके उत्थान के के बारे में की गई सभी बातें इसमें लिखी गई है। इसे Download करने के लिए नीचे दिए गए लिंक से आप डाउनलोड करके अच्छे से पूरा पढ़ें।Women Empowerment Essay PDF in Hindi
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