IAS Topper Kanishak Kataria Success Story in Hindi
IAS topper Kanishak Kataria Success story in Hindi : IAS बनना सभी का सपना होता है लेकिन जब कोई IAS top करता है तो उसकी बात ही कुछ और होती है जी हां दोस्तो मैं बात कर रहा हूँ UPSC 2019 topper Kanishak Kataria की जिन्होंने अपने प्रथम प्रयास में ही IAS top position हासिल किया है। UPSC 2018 की सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट 05 अप्रैल 2019 को जारी किया गया इस UPSC सिविल सेवा 2019 के फाइनल परिणाम में 759 उम्मीदवार सफल हुए है जिनमे से 182 महिलाये है। राजस्थान के अक्षत जैन दूसरे तथा उत्तर प्रदेश के जुनैद अहमद तीसरा स्थान हासिल किया है। top 25 पोजीशन में 15 पुरुष और 10 महिलाये है।
अब हम यहां पर UPSC टॉपर कनिष्क कटारिया के बारे में जानते है।
Kanishak का मानना है कि ज्यादा स्टडी मैटेरियल्स को फॉलो करने से अच्छा है लिमिटेड स्टडी मैटेरियल्स को फॉलो किया जाए और उन्ही को अच्छे से पूरे फोकस के साथ पढ़ा जाए।
कनिष्क को फुटबाल गेम बहुत पसंद हैं वे बताते है कि UPSC mains exam के दो तीन दिन पहले मैं फुटबाल मैच देख रहा था।
उनके Favorite क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली है।
लोग जब दलित (SC वर्ग) का नाम लेते है तो उनके मन मे अति पिछड़ा वर्ग आता है। समाज में जो गलत धारणाये है उनको लेकर बहुत संघर्ष होते रहे है लेकिन कनिष्क कटारिया ने यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी व्यक्ति का जाती वर्ग से कोई लेना देना नहीं हैं। अगर वह पूरे समर्पण के साथ काम करता है तो वह बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। 2016 में Tina Dabi ने भी SC वर्ग से top किया था।
कनिष्ठ कटारिया अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता पिता, बहन और अपनी गर्लफ्रैंड को देते है जिसने कनिष्ठ का मनोबल बढ़ाया।
Kanishak Kataria ने UPSC टॉप किया है इसलिए उन्हें मनचाहा कैंडर मिलेगा उन्होंने कहा मैं राजस्थान कैंडर चुना हैं। लोग मुझसे एक अच्छा प्रशासन बनने की उम्मीद करेगे और यही मैं चाहता हूं कि लोगो सामने एक अच्छा प्रशासनिक कार्य कर सकू।
सभी topper का मानना है पढ़ाई को आप घण्टे के साथ पढ़ने के बजाय ज्यादा ईमानदारी से पढ़े। लोग किताबे घण्टो लेकर बैठे रहते है लेकिन कितना पढ़ते है ये मायने रखता है।
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UPSC Topper 2019 Kanishak Kataria Biography in Hindi
कनिष्क कटारिया मूल रूप से राजस्थान के जयपुर से रहने वाले है। उनका जन्म 1992 में जयपुर (राजस्थान) में हुआ है, उनकी उम्र सिर्फ 26 वर्ष है। बचपन से लेकर 12th तक कि पढ़ाई इन्होंने St. Paul’s School, Kota से किया है। 10th तथा 12th क्लास में 90% से 94% मार्क्स हासिल किया है। इन्होंने 2010 में IIT JEE में 44 रैंक के साथ पास किया फिर इन्हें IIT बॉम्बे में computer science & Engineering सब्जेक्ट से B. Tech. किया। उसी समय Kanishak ने AIEEE में भी 4th Rank हासिल किया। graduation के दौरान ही इनका कैंपस सिलेक्शन data scientist के रूप एक MNC कंपनी में हो गया था लगभग 3 साल तक साउथ कोरिया में जॉब किया। साउथ कोरिया में जॉब करने के बाद अपने देश भारत लौट आये और 18 मंथ तक बेंगलुरु में software development के रूप में भी काम किया। फिर वे जॉब छोड़ कर दिल्ली चले गए सिविल सर्विसेज की तैयारी करने , दिल्ली में रहकर 8 से 10 महीने की कोचिंग किया। रोज 8 से 10 घण्टे की पढ़ाई करते थे, परीक्षा के लास्ट समय में वे 14 से 15 घण्टे पढ़ते थे। सिविल सेवा में वे इस लिए आना चाहते थे कि उनको सेटिस्फैक्शन चाहिए। पूरा एक साल की मेहनत के बाद पहले ही प्रयास में UPSC 2018 क्रैक करने के साथ टॉप भी किया। UPSC में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट गणित था। मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने बताया कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं UPSC top करुगा। उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान उनकी गर्लफ्रैंड सोनल चौहान ने काफी मदद की ।Kanishak का मानना है कि ज्यादा स्टडी मैटेरियल्स को फॉलो करने से अच्छा है लिमिटेड स्टडी मैटेरियल्स को फॉलो किया जाए और उन्ही को अच्छे से पूरे फोकस के साथ पढ़ा जाए।
कनिष्ठ कटारिया के Family Baground & Hobies
कनिष्ठ एक मिडिल क्लास फैमिली से है। घर में उनके माता पिता और एक बड़ी बहन Tanmaya है जो medical की पढ़ाई कर रही है। उनके पिता Sanvar Lal Verma एक RAS अधिकारी है और माता हाउस वाइफ है। उनके पिता चाहते थे कि मेरा बेटा सिविल सर्विस की परीक्षा दे आज उनके पिता काफी गर्व महसूस कर कर रहे होंगे कि मैं RAS नहीं आज IAS बन गया। कनिष्ठ के ताऊ भी एक IAS अफसर है। लेकिन आप लोग ये न मान लेना कि घर में कोई IAS या IPS अधिकारी हो तभी IAS बना जा सकता है। हालांकि परिवार द्वारा मिला अच्छे संस्कार व्यक्ति के जीवन पर असर डालता हैं।कनिष्क को फुटबाल गेम बहुत पसंद हैं वे बताते है कि UPSC mains exam के दो तीन दिन पहले मैं फुटबाल मैच देख रहा था।
उनके Favorite क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली है।
लोग जब दलित (SC वर्ग) का नाम लेते है तो उनके मन मे अति पिछड़ा वर्ग आता है। समाज में जो गलत धारणाये है उनको लेकर बहुत संघर्ष होते रहे है लेकिन कनिष्क कटारिया ने यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी व्यक्ति का जाती वर्ग से कोई लेना देना नहीं हैं। अगर वह पूरे समर्पण के साथ काम करता है तो वह बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। 2016 में Tina Dabi ने भी SC वर्ग से top किया था।
कनिष्ठ कटारिया अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता पिता, बहन और अपनी गर्लफ्रैंड को देते है जिसने कनिष्ठ का मनोबल बढ़ाया।
Kanishak Kataria ने UPSC टॉप किया है इसलिए उन्हें मनचाहा कैंडर मिलेगा उन्होंने कहा मैं राजस्थान कैंडर चुना हैं। लोग मुझसे एक अच्छा प्रशासन बनने की उम्मीद करेगे और यही मैं चाहता हूं कि लोगो सामने एक अच्छा प्रशासनिक कार्य कर सकू।
सभी topper का मानना है पढ़ाई को आप घण्टे के साथ पढ़ने के बजाय ज्यादा ईमानदारी से पढ़े। लोग किताबे घण्टो लेकर बैठे रहते है लेकिन कितना पढ़ते है ये मायने रखता है।
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