नैनो प्रौद्योगिकी क्या है पूरी जानकारी (What is nanotechnology in hindi)
आज हम science की दुनिया का एक बहुत ही अनोखी Technology के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसका नाम है Nanotechnology (नैनो प्रौद्योगिकी). इस पोस्ट हम जानेगे Nanotechnology क्या है? इस टेक्नोलॉजी के उपयोग क्या है। भारत में नैनोटेक्नोलाजी इस सभी के बारे में हम विस्तार से जानने की कोशिस करते है।
नैनोटेक्नोलाजी का इतिहास क्या है? nanotechnology kya hai Advantage and disadvantage in hindi के बारे में पूरी जानकारी बताने वाला हूँ।
जबसे मानव सभ्यता का जन्म हुआ है विकास ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया है, विज्ञानं ने तो human life को बदल दिया है। जिस तरह से विज्ञान और प्रौद्दोगिकी दिन प्रति दिन बढ़ती जारही है सोचिये आज से 100 साल के बाद की हमारी दुनिया कैसी होगी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हम यहाँ पर आपको नैनोटेक्नोलाजी के बारे में पूरी जानकारी देने जारहे है।
Nanotechnology दो शब्दों से मिकार बना है। (1) Nano (2) Technology
Nano: यह एक ग्रीक शब्द नैनोज से बना है जिसका अर्थ होता है Dwarf (बौना या सूक्ष्म) इतना छोटा की इसे नग्न आखो से नहीं देख सकते।
Technology: टेक्नोलॉजी का मतलब होता है विज्ञान के सिद्धांतो का उपयोग करके नए पदार्थो, उपकरणों तथा नई पध्दतियों का आविष्कार करके मानव जीवन को विकसित करना। इसे हिंदी में प्रौद्योगिकी कहते है। विज्ञानं की अतराष्ट्रीय मापन प्रणाली के अंतरगत नैनो से तात्पर्य एक अरबवें भाग से होता है, एक मीटर का एक अरबवाँ भाग (1 नैनो मीटर = 10-9 मीटर) एक नैनोमीटर कहलाता है, नैनोमीटर से बड़ा माइक्रोमीटर। मनुष्य के एक बाल की मोटाई 80000 nanometer होता है, पानी के एक Molecule का व्यास 0.1nm होता है, एक वायरस का व्यास 100 नैनो मीटर होता है। एक नैनो मीटर के मुकाबले एक टेनिस बाल उतनी बड़ी है जितनी पृथ्वी है तो अब आप समझ गए होंगे की एक नैनो मीटर कितना छोटा होता है। अगर सरल शब्दों में कहे की nano Technology क्या है? तो किसी पदार्थ के Atomic लेवल पर जाकर उसकी इंजीनियरिंग करना। इस टेक्नोलॉजी में काम आने वाले पदार्थो को nanomaterials (जैसे- silver nano, carbon nanotube, silica fullerene, photocatalyst आदि) कहा जाता है कोई भी पदार्थ जितना small होगा वह उतना ही मजबूत और टिकाऊ होगा क्योकि पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं में इंजिनीरिंग किया गया है।
चलिए नैनोटेक्नोलाजी के बारे में थोड़ा और जानते है।
जैसे कोयला और हीरा दोनों कार्बन अणुओं के बने होते है पर दोनों दिखने में अलग होते है ऐसा इस लिए होता है क्योकि दोनों के अणुओ (Molecules) की प्रॉपर्टी में अंतर होता है कोयले के कार्बन अणु थोड़े दूर होते है जबकि हिरे के कार्बन अणु बहुत ज्यादा नजदीक होने के कारण हीरा चमक और मजबूती ज्यादा होती है। इसी तरह अगर हम किसी वस्तु के अणुओं में बदलाव लाकर उसके Structure, Shapes and Size को बदल सकते है।
1970-75 के आस पास जब computer बनाये जाते थे उसका आकर काफी बड़ा होता था लेकिन नैनोटेक्नोलाजी के इस्तेमाल से हमने कभी सोचा नहीं था की कंप्यूटर माचिस के जितने छोटे बनाये जा सकते है। इस टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर में लगे processor, memory, RAM के Size को छोटा किया जा सकता है। नैनोटेक्नोलाजी के उपयोग से ऐसे मिनी माइक्रोचिप बनाये जा सकते है जो काफी मात्रा में सूचनाएं एकत्रित कर सकता है।
नैनो तकनीक आज से पचास साल पहले मात्र एक सिध्दांत थी आज चिकित्सा विज्ञानं, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा अन्य क्षेत्रो में क्रांति ला दी है। इसके इस्तेमाल से यैसे नैनो रोबोट तैयार किये सा सकते है जो शरीर के अंदर जाकर रोगो का इलाज कर सकते है।
कपडा उद्योग, दवाये बनाने में, जंग प्रतिरोधक सामान बनाने में नैनो तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
देश के सैनिको के लिए शश्त्रो को बेहतर बना सकते है, नैनो तकनीक का प्रयोग करके एक मक्खी या मच्छर जितना छोटा नैनो रोबोट बनाकर दुश्मन के ठिकानो का पता लगाया जा सकता है।
किसी पदार्थ के ऊपर नैनो कोटिंग (nano coating) करके धूल मिट्टी और गंदे होने से बचा सकते है जिससे गाड़िया, घर में इस्तेमाल होने वाला टॉयलेट सीट कभी गंदे नहीं होंगे। इसका सबसे बेस्ट उदाहरण प्रकृत में है आपने तालबो में बतख और कमल को तो देखा ही होगा, बतख के पंख पानी से कभी गीले नहीं होते इसका कारण है Nature ने उसके ऊपर नैनो फिल्म चढ़ा रखी है।
नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मनुष्य और नेचर के बीच तालमेल बिगड़ सकता है।
scientific research से पता चला है की नैनो कण मानव तथा अन्य जीव जंतुओं पर बुरा असर कर सकते है जैसे कार्बन नैनो ट्यूब के अधिक मात्रा में जाने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।
नैनो तकनीक से बने हथियार अगर किसी गलत हाथो में लग गया तो मानव जीवन को खतरा हो सकता है।
nanotechnology के disadvantage को देखते हुए हमे इस क्षेत्र में सोच समझ कर होशियारी से कदम रखना चाहिए नहीं तो मानव जीवन सहित पुरे नेचर को बिगाड़ सकता है।
अगर हम science और Technology का सही तरीके से इस्तेमाल करे तो आने वाले भविष्य को बेहतर बना सकते है।
नैनोटेक्नोलाजी का इतिहास क्या है? nanotechnology kya hai Advantage and disadvantage in hindi के बारे में पूरी जानकारी बताने वाला हूँ।
जबसे मानव सभ्यता का जन्म हुआ है विकास ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया है, विज्ञानं ने तो human life को बदल दिया है। जिस तरह से विज्ञान और प्रौद्दोगिकी दिन प्रति दिन बढ़ती जारही है सोचिये आज से 100 साल के बाद की हमारी दुनिया कैसी होगी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हम यहाँ पर आपको नैनोटेक्नोलाजी के बारे में पूरी जानकारी देने जारहे है।
नैनोटेक्नोलाजी का इतिहास (History of Nano Technology)
आज से लगभग 60 साल पहले एक बहुत ही फेमस भौतिक वैज्ञानिक जिनका नाम रिचर्ड फाइनमेन था, उन्होंने 1959 में अपने एक व्याख्यान में कहा था "There is a plenty of room at the bottom" उनके कहने का मतलब था तल में बहुत जगल है अगर आपको सही तरह से technology बनानी है तो एक-एक परमाणु के अंदर घुसकर Nano स्केल (1nanometer= 0.000000001m) पर काम करना होगा। इसी एक भाषण की वजह से दुनिया भर के शोधकर्ताओं ने नैनो टेक्नोलॉजी पर काम करना सुरु कर दिया। इस टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए उस समय अच्छे उपकरण नहीं थे, लेकिन रिचर्ड ने जो सपना देखा था आज वह लगातार पूरा होता दिख रहा है। Nanotechnology शब्द को सबसे पहले जापानी फिजिसिस्ट Norio Taniguchi ने 1974 में दिया था।नैनो प्रौद्योगिकी क्या है? (What is Nanotechnology in Hindi)
Nano: यह एक ग्रीक शब्द नैनोज से बना है जिसका अर्थ होता है Dwarf (बौना या सूक्ष्म) इतना छोटा की इसे नग्न आखो से नहीं देख सकते।
Technology: टेक्नोलॉजी का मतलब होता है विज्ञान के सिद्धांतो का उपयोग करके नए पदार्थो, उपकरणों तथा नई पध्दतियों का आविष्कार करके मानव जीवन को विकसित करना। इसे हिंदी में प्रौद्योगिकी कहते है। विज्ञानं की अतराष्ट्रीय मापन प्रणाली के अंतरगत नैनो से तात्पर्य एक अरबवें भाग से होता है, एक मीटर का एक अरबवाँ भाग (1 नैनो मीटर = 10-9 मीटर) एक नैनोमीटर कहलाता है, नैनोमीटर से बड़ा माइक्रोमीटर। मनुष्य के एक बाल की मोटाई 80000 nanometer होता है, पानी के एक Molecule का व्यास 0.1nm होता है, एक वायरस का व्यास 100 नैनो मीटर होता है। एक नैनो मीटर के मुकाबले एक टेनिस बाल उतनी बड़ी है जितनी पृथ्वी है तो अब आप समझ गए होंगे की एक नैनो मीटर कितना छोटा होता है। अगर सरल शब्दों में कहे की nano Technology क्या है? तो किसी पदार्थ के Atomic लेवल पर जाकर उसकी इंजीनियरिंग करना। इस टेक्नोलॉजी में काम आने वाले पदार्थो को nanomaterials (जैसे- silver nano, carbon nanotube, silica fullerene, photocatalyst आदि) कहा जाता है कोई भी पदार्थ जितना small होगा वह उतना ही मजबूत और टिकाऊ होगा क्योकि पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं में इंजिनीरिंग किया गया है।
चलिए नैनोटेक्नोलाजी के बारे में थोड़ा और जानते है।
भारत में नैनो टेक्नोलॉजी (nanotechnology in India)
नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत अभी बहुत पीछे है इसका कारण है की भारत में इस Technology का अलग से कोई department नहीं है जिससे nano science पर सही तरीके से research नहीं हो पाता। लेकिन नैनोटेक्नोलाजी के फायदों को देखते हुए भारत भी धीरे-धीरे इस तकनीक की तरफ कदम रख रहा है और आने वाले समय में काफी आगे होगा। अमेरिका और जापान जैसे विकसित देश nanotechnology में काफी आगे है।नैनोटेक्नोलाजी के उपयोग और लाभ (Uses and benefits of Nanotechnology in hindi)
इस तकनीक से बहुत सारे benefit है 21वीं सदी nanotechnology की सदी होने जा रही है, इस टेक्नोलॉजी का उपयोग लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे - Nanotechnology in chemistry, bio Science, physics, materials science, medical science, engineering, neuroscience, health एग्रीकल्चर जैसे विभिन्न क्षेत्रो में इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि नैनोटेक्नोलाजी की क्षमता का सही तरह से उपयोग किया गया तो यह मानव जीवन के लिए नया future ला सकता है।1970-75 के आस पास जब computer बनाये जाते थे उसका आकर काफी बड़ा होता था लेकिन नैनोटेक्नोलाजी के इस्तेमाल से हमने कभी सोचा नहीं था की कंप्यूटर माचिस के जितने छोटे बनाये जा सकते है। इस टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर में लगे processor, memory, RAM के Size को छोटा किया जा सकता है। नैनोटेक्नोलाजी के उपयोग से ऐसे मिनी माइक्रोचिप बनाये जा सकते है जो काफी मात्रा में सूचनाएं एकत्रित कर सकता है।
नैनो तकनीक आज से पचास साल पहले मात्र एक सिध्दांत थी आज चिकित्सा विज्ञानं, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा अन्य क्षेत्रो में क्रांति ला दी है। इसके इस्तेमाल से यैसे नैनो रोबोट तैयार किये सा सकते है जो शरीर के अंदर जाकर रोगो का इलाज कर सकते है।
कपडा उद्योग, दवाये बनाने में, जंग प्रतिरोधक सामान बनाने में नैनो तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
देश के सैनिको के लिए शश्त्रो को बेहतर बना सकते है, नैनो तकनीक का प्रयोग करके एक मक्खी या मच्छर जितना छोटा नैनो रोबोट बनाकर दुश्मन के ठिकानो का पता लगाया जा सकता है।
किसी पदार्थ के ऊपर नैनो कोटिंग (nano coating) करके धूल मिट्टी और गंदे होने से बचा सकते है जिससे गाड़िया, घर में इस्तेमाल होने वाला टॉयलेट सीट कभी गंदे नहीं होंगे। इसका सबसे बेस्ट उदाहरण प्रकृत में है आपने तालबो में बतख और कमल को तो देखा ही होगा, बतख के पंख पानी से कभी गीले नहीं होते इसका कारण है Nature ने उसके ऊपर नैनो फिल्म चढ़ा रखी है।
नैनो प्रौद्योगिकी से हानि (Disadvantage of Nanotechnology in hindi)
नैनो तकनीक से नुकसान भी बहुत है नैनो तकनीक से तैयार लिपस्टिक सनस्क्रीन क्रीम जैसी पदार्थो के नैनो पार्टिकल त्वचा से खून में प्रवेश करके हीमीग्लोबिन अणुओं को प्रभावित कर सकते है जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मनुष्य और नेचर के बीच तालमेल बिगड़ सकता है।
scientific research से पता चला है की नैनो कण मानव तथा अन्य जीव जंतुओं पर बुरा असर कर सकते है जैसे कार्बन नैनो ट्यूब के अधिक मात्रा में जाने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।
नैनो तकनीक से बने हथियार अगर किसी गलत हाथो में लग गया तो मानव जीवन को खतरा हो सकता है।
nanotechnology के disadvantage को देखते हुए हमे इस क्षेत्र में सोच समझ कर होशियारी से कदम रखना चाहिए नहीं तो मानव जीवन सहित पुरे नेचर को बिगाड़ सकता है।
अगर हम science और Technology का सही तरीके से इस्तेमाल करे तो आने वाले भविष्य को बेहतर बना सकते है।
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