भारतीय दण्ड संहिता की प्रमुख धाराएं | Important Dhara
IPC ki dhara in hindi - Indian Penal Code (IPC) अर्थात भारतीय दंड संहिता अंतर्गत भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गए अपराधों को परिभाषित करता है। Indian Penal Code में अगल-अगल अपराधों के लिए अगल-अलग दंड का प्रावधान करती है जिसे धारा कहते है। इसे कई भागो में बाटा गया है जिसमे 23 chapters और कुल 511 धाराएं है। भारतीय दंड संहिता 1 January 1862 को लागु हुई थी। IPC में समय-समय पर इसमें संशोधन होते रहते है। धारा को अंग्रेजी में Section कहते है। यहाँ पर हम Indian penal code important sections in Hindi के बारे में जानेगे।
अब हम यहाँ पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में जानेगे।
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हम यहां पर Important IPC sections for police SI और अन्य प्रतियोगी परक्षाओं के लिए यह पोस्ट उपयोगी होगा है।
IPC और CrPC में अंतर (Difference Between IPC and CrPC)
IPC का Full Form Indian Penal Code अर्थात भारतीय दंड सहित, भारत में किसी भी भी व्यक्ति द्वारा अपराथ करने पर जो पुलिस किस तरह से जाता देती है उसकी पूरी जानकारी Indian Penal Code में वर्णन किया गया है।
CrPC Full form Criminal Procedure Code अर्थात दण्ड प्रक्रिया संहिता है। कोर्ट द्वारा मुल्जिम को अपराध के आधार पर किस तरह से दंड की सजा सुनाती है इसका वर्णन दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में किया गया है।
इसको अगर आसान भाषा में समझाए तो पुलिस किस तरह से अपराधी कको लतियाती है उसका वर्णन IPC में हैं और अदालत (Court) द्वारा अपराधी को क्या सजा सुनाती है इसका वर्णन CrPC में है।
धारा और अनुच्छेद में अन्तर (difference between section and article)
- अनुच्छेद का प्रयोग सिर्फ संविधान के लिए किया जाता है जबकि धारा का प्रयोग अधिनियम के द्वारा बनाये गए कानूनों के धारा का प्रयोग किया जाता है।
- अनुच्छेद वे नियम है जिससे मिलकर हमारे संविधान का निर्माण हुआ है जबकि धारा वे नियम है जिससे मिलकर भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) का निर्माण हुआ है।
- अनुच्छेद देश का सबसे बड़ा कानून होता है जबकि धारा देश का दृतीयक कानून होता है।
भारतीय दण्ड संहिता की प्रमुख धाराएं (Important Sections of Indian Penal Code)
धारा 120 - आपराधिक षड्यंत्र करने पर दण्ड, जब दो या दो से अधिक व्यक्ति द्वारा किये गए षड्यंत्र (साजिश) करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120, 120 क, 120 ख उपबंधित है। इसमें दो या उससे अधिक वर्ष के लिए सजा का प्रावधान है।
धारा 141 - विधि के विरुद्ध जमाव करना, पांच या अधिक व्यक्तियों का जनसमूह विधिविरुद्ध जनसमूह कहा जाता है।
IPC की धारा 159 - जब दो या दो व्यक्ति किसी स्थान पर दंगा करते है।
धारा 161 - रिश्वत लेना/देना
धारा 171 - चुनाव में घूस लेना या देना।
धारा 186 - किसी व्यक्ति द्वारा सरकारी काम में बाधा पहुंचाने पर उसे IPC Section 186 के तहत मुकदमा होगा।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 146 - उपद्रव करना
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 159 - दंगा करना (जब दो या दो से अधिक व्यक्ति पब्लिक प्लेस पर आपस में इस प्रकार लड़ते झगड़ते है कि समाज की शांति भंग होती है)
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 159 - दंगा करना (जब दो या दो से अधिक व्यक्ति पब्लिक प्लेस पर आपस में इस प्रकार लड़ते झगड़ते है कि समाज की शांति भंग होती है)
धारा 201 - सबूत मिटाना
धारा 302 - हत्या या कत्ल का दण्ड
धारा 255 - सरकारी स्टाम्प का कूटकरण
धारा 264 - गलत तौल के बांटों का प्रयोग की सजा
धारा 267 - दवा या औषधि में मिलावट करने की सजा
धारा 292 - किसी व्यक्ति द्वारा समाज में अश्लीलता फ़ैलाने पर IPC section 292 लागु होगा।
धारा 264, 264, 266 - माप तौल से संबंधित खोटे या नकली बाट का उपयोग करना या बनाना।
धारा 153 A - यह उन लोग पर लगाई जाती है जो धर्म, भाषा, नस्ल के आधार पर लोगो में नफरत फ़ैलाने की कोशिश करना।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 - अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी की हत्या किया गया है तो उसपर IPC section 302 लागु होगा। अगर हत्या या क़त्ल का दोष साबित हो जाता है तो उसे उम्रकैद की सजा और अर्थित दण्ड मिल सकता है।
धारा 354 - किसी स्त्री की लज्जा भंग करने की सजा
धारा 372 - खाने-पीने की सामान में मिलावट करने की सजा
धारा 279 - सड़क पर उतावलेपन से वाहन चलाना
धारा 292 - अश्लील पुस्तकों को बेचना
धारा 298 - किसी दूसरे व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना
धारा 306 - आत्महत्या करना या उकसाना
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 क - दहेज़ हत्या
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 क - दहेज़ हत्या
धारा 307 - अगर कोई यक्ति किसी की हत्या करने के इरादे से उसके चोट पहुँचाता है लेकिन उस व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है तो यह धारा 307 के तहत सजा का प्रावधान है।
धारा 362 - अपहरण
धारा 363 - व्यपिरण के दंड
धारा 366 - नाबालिक लड़की को लेकर भागना
धारा 376 - बलात्कार के लिए दण्ड देना।
धारा 379 - सम्पत्ति की चोरी करना
धारा 392 - लूट करने की सजा
धारा 395 - डकैती के लिए दण्ड।
धारा 396 - डकैती के दौरान हत्या।
धारा 365 - जब भी कोई किसी व्यक्ति का अपहरण (kidnap) करता है तो IPC की धारा 365 लागु होता है इसमें सात साल का कारावास और आर्थिक दण्ड दिया जाता है।
धारा 412 - छीनाझपटी करना
धारा 378 - जब भी कोई व्यक्ति किसी का चल सम्पति की चोरी करता है तो उसके ऊपर IPC की सेक्शन 378 लागु होता है।
धारा 310 - ठगी करना
धारा 312 - जो भी किस स्त्री का गर्भपात करता है या करवाता है तो IPC section 312 के तहत सजा का प्रावधान है जिसमे एक या उससे अधिक वर्ष का कारावास और अर्थित दण्ड दिया जा सकता है।
धारा 351 - किसी व्यक्ति के ऊपर हमला करने पर 351 लागु होगा।
भरतीय दण्ड संहिता की धारा 377 - अप्राकृतिक कृत्य
धारा 354 - किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से उसपर अपराधिक बल का प्रयोग करना
धारा 369 क्या है - 10 से कम आयु के बच्चो का व्यपहरण या अपहरण करना।
धारा 415 - किसी के साथ छल करना।
धारा 378 - जब भी कोई व्यक्ति किसी का चल सम्पति की चोरी करता है तो उसके ऊपर IPC की सेक्शन 378 लागु होता है।
धारा 310 - ठगी करना
धारा 312 - जो भी किस स्त्री का गर्भपात करता है या करवाता है तो IPC section 312 के तहत सजा का प्रावधान है जिसमे एक या उससे अधिक वर्ष का कारावास और अर्थित दण्ड दिया जा सकता है।
धारा 351 - किसी व्यक्ति के ऊपर हमला करने पर 351 लागु होगा।
भरतीय दण्ड संहिता की धारा 377 - अप्राकृतिक कृत्य
धारा 354 - किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से उसपर अपराधिक बल का प्रयोग करना
धारा 369 क्या है - 10 से कम आयु के बच्चो का व्यपहरण या अपहरण करना।
धारा 415 - किसी के साथ छल करना।
धारा 420 - छल या बेईमानी से सम्पत्ति अर्जित करना
IPC की धारा 438 - आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई कुचेष्टा के लिए दण्ड।
IPC की धारा 438 - आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई कुचेष्टा के लिए दण्ड।
धारा 489 - नकली नोट बनाना
धारा 493 - धोखे से सादी करना
धारा 494 - पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना
धारा 496 - जबरदस्ती विवाह करना
धारा 499 क्या है - जब भी कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, समुदाय का मानहानि करता है जिससे उस व्यक्ति की प्रतिस्ठा, इज्जत, ख्याति और सामाजिक सम्मान का क्षति पहुंचे तो उसे सेक्शन 499 और 500 के तहत सजा दिया जा सकता है इसे 2 साल की सजा और आर्थिक जुरमाना लगाया जा सकता है।
धारा 499 क्या है - जब भी कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, समुदाय का मानहानि करता है जिससे उस व्यक्ति की प्रतिस्ठा, इज्जत, ख्याति और सामाजिक सम्मान का क्षति पहुंचे तो उसे सेक्शन 499 और 500 के तहत सजा दिया जा सकता है इसे 2 साल की सजा और आर्थिक जुरमाना लगाया जा सकता है।
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